कदमो के निशां तो कभी न कभी मिट ही जायेंगे,
रह जाएंगी तो बस, यादें, बातें, वो चाँद लम्हातें ...
जिन्हें कोई प्यारा अपने ज़ेहन में सजाये,
आँखों में अपनी बसाए रखेगा तेरी वो अदाएं..
वो अदाएं वो मासूमियत, जो किया करती थी तेरी सादगी को बयां,
वो हँसी वो आँखों की चमक, जो खिला दिया करती थी कई कलियाँ....
बीते कुछ ऐसे पल, कुछ और अब भी आयेंगे.....
क़दमों के निशां तो कभी न कभी मिट ही जायेंगे....
रह जायेंगी तो बस यादें.....
रह जाएंगी तो बस, यादें, बातें, वो चाँद लम्हातें ...
जिन्हें कोई प्यारा अपने ज़ेहन में सजाये,
आँखों में अपनी बसाए रखेगा तेरी वो अदाएं..
वो अदाएं वो मासूमियत, जो किया करती थी तेरी सादगी को बयां,
वो हँसी वो आँखों की चमक, जो खिला दिया करती थी कई कलियाँ....
बीते कुछ ऐसे पल, कुछ और अब भी आयेंगे.....
क़दमों के निशां तो कभी न कभी मिट ही जायेंगे....
रह जायेंगी तो बस यादें.....
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